15. ध पांचवी अनुसूची अनुच्छेद २४४ ( १ ) अनुसूची क्षेत्रों ( page no-04).

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पांचवी अनुसूची अनुच्छेद २४४ ( १ ) अनुसूची क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में  पुरी जाणकारी उपबंध है. (Page no-02 )

यह पेग नंबर चार है 

  • 15. धर्म ; मूलवंश , जाति , लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध

( 4 ) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खड ( 2 ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी । ( 5 ) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड ( 1 ) के उपखंड ( छ ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछडे हुए नागरिकों के हिन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए विधि द्वारा , कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेंगी , जहां तक ऐसे विशेष उपबध , अनुच्छेद 30 के खड ( 1 ) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न , शिक्षा सस्थाओं में , जिनके अन्तर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाए भी है , चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं , प्रवेश से संबंधित हैं । 16. लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता - ( 4 ) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में , जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है , नियुक्तियों या पर्दो के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी । ( 4 क ) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में , जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है , राज्य के अधीन सेवाओं में ।। किसी वर्ग या वर्गों के पर्दो पर परिणामिक ज्येष्ठता सहित प्रोन्नति के मामलों में ] आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी । 1 [ ( 4 ख ) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को जो खड ( 4 ) या खंड ( 4 क ) के अधीन किए गये आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित है , किसी उत्तरवर्ती वर्ष या वर्षों के भरे जाने के लिए पृथक वर्ग की रिक्तयों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग कह रिक्तियों पर 36 वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं , उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के सम्बन्ध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के लिए विचार नहीं किया जायेगा ।

275. कुछ राज्यों को संघ से अनुदान -

( 1 ) ऐसी राशिया , जिनका संसद विधि द्वारा उपबंध करे , उन राज्यों के राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में प्रत्येक वर्ष भारत की संचित निधि पर भारित होंगी जिन राज्यों के विषय में संसद् यह अवधारित करे कि उन्हें सहायता की आवश्यकता है और भिन्न - भिन्न राज्यों के लिए भिन्न - भिन्न राशिया नियत की जा सकेंगी परन्तु किसी राज्य के राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में भारत की संचित निधि में से ऐसी पूजी और आवर्ती राशिया संदत्त की जाएगी जो उस राज्य को उन विकास स्कीमों के खर्चों को पूरा करने में समर्थ बनाने के लिए आवश्यक हों जिन्हें उस राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण की अभिवृद्धी करने या उस राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन स्तर को उस राज्य के शेष क्षेत्रों के प्रशासन स्तर तक उन्नत करने के प्रयोजन के लिए उस राज्य द्वारा भारत सरकार के अनुमोदन से हाथ में लिया जाए परंतु यह और कि असम राज्य के राजस्व में सहायता अनुदान के रूप में भारत की सचित निधि में से ऐसी पूंजी और आवर्ती राशिया सदत्त की जाएगी ( क ) जो छठी अनुसूची के पैरा 20 से सलग्न सारणी के भाग 1 में विनिर्दिष्ट जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में इस सविधान के प्रारंभ से ठीक पूर्ववर्ती दो वर्ष के दौरान औरसत व्यय राजस्व से जितना अधिक है ,उसके बराबर है ; और ( ख ) जो उन विकास स्कीमों के खर्चों के बराबर हैं जिन्हें उक्त क्षेत्रों के प्रशासन स्तर को उस राज्य के शेष क्षेत्रों के प्रशासन स्तर तक उन्नत करने के प्रयोजन के लिए उस राज्य द्वारा भारत सरकार के अनुमोदन से हाथ में लिया जाए । ( 1 क ) अनुच्छेद 244 क के अधीन स्वशासी राज्य के बनाए जाने की तारीख को और से ( ) खंड ( 1 ) के दूसरे परतुक के खंड( क ) के अधीन संदेय कोई राशियां स्वशासी राज्य को उस दशा में संदत्त की जाएगी जब उसमें निर्दिष्ट सभी जनजाति क्षेत्र उस स्वशासी राज्य में समाविष्ट हों और यदि स्वशासी राज्य में उन जनजाति क्षेत्रों में से केवल कुछ ही समाविष्ट हों तो वे राशिया असम राज्य और स्वशासी राज्य के बीच ऐसे प्रभाजित की जाएगी जो राष्ट्रपति आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट करे ; ( ii ) स्वशासी राज्य के राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में भारत की संचित निधि में से ऐसी पूजी और आवर्ती राशिया सदत्त की जाएगी जो उन विकास स्कीमों के खचों के बराबर हैं जिन्हें स्वशासी राज्य के प्रशासन स्तर को शेष असम राज्य के प्रशासन स्तर तक उन्नत करने के प्रयोजन के लिए स्वशासी राज्य द्वारा भारत सरकार के अनुमोदन से हाथ में लिया ( 2 ) जब तक ससद खंड ( 1 ) के अधीन उपबंध नहीं करती है तब तक उस खड के अधीन संसद् को प्रदत्त शक्तिया राष्ट्रपति द्वारा , आदेश द्वारा , प्रयोक्तत्य होंगी और राष्ट्रपति द्वारा इस खड के अधीन किया गया कोई आदेश संसद् द्वारा इस प्रकार किए गए किसी उपबंध के अधीन रहते हुए प्रभावी हागा : परन्तु वित्त आयोग का गठन किए जाने के पश्चात् राष्ट्रपति द्वारा इस खंड के अधीन कोई आदेश वित्त आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के पश्चात् ही किया जाएगा , अन्यथा नहीं ।





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