पांचवी अनुसूची ऑर छठी अनुसूची // 3 ख . बोडोलैंड प्रादेशीक परिषद की विधियां बनाने की अतिरिक्त शक्तीयां.Page no 5

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पांचवी अनुसूची ऑर छठी अनुसूची Page no 5 // 3 ख . बोडोलैंड प्रादेशीक परिषद की विधियां बनाने की अतिरिक्त शक्तीयां. gondwana igondi.

पांचवी अनुसूची ऑर छठी अनुसूची Page no 5 

" 3-ख . बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद् की विधियां बनाने की अतिरिक्त शक्तियाँ -

( xiv ) श्रम और रोजगार ,
( xv ) भूमि और राजस्व
( xvi ) पुस्तकालय सेवाए ( राज्य सरकार द्वारा वितपोषित और नियंत्रित ) ;
जिले की जिला परिषद् को ऐसे क्षेत्रों को छोड़कर जो उस जिले के भीतर की प्रादेशिक परिषदों के , यदि कोई हो प्राधिकार के अधीन है , उस जिले के भीतर के अन्य सभी क्षेत्रों के संबध में निम्नलिखित विषयों के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी ; अर्थात :
( क ) किसी आरक्षित वन की भूमि से भिन्न भूमि का , कृषि या चराई के प्रयोजनों के लिए अथवा निवास के या कृषि से भिन्न अन्य प्रयोजनों के लिए अथवा किसी ऐसे अन्य प्रयोजन के लिए जिससे किसी ग्राम या नगर
( xvii ) लाटरी ( सातवाँ अनुसूची की सूची का प्रविष्टि के उपबों के अधीन रहते हुए ) ;
( xviii ) बाजार और मेले
( xix ) नगर निगम , सुधार न्यास , जिला बोर्ड और अन्य स्थानीय प्राधिकारी ,
( xx) राज्य द्वारा नियत्रित या वितपोषित सग्रहालय और पुरातत्व विज्ञान संस्थान संसद् द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके राष्ट्रीय महत्व के पोषित किए गए प्राचीन और ऐतिहासिक संस्मारकों और अभिलेखों से भित्र प्राचीन और अभिलेखों से भिन्न प्राचीन और ऐतिहासिक सस्मारक और अभिलेख ,
( xxi ) पचायत और ग्रामीण विकास ,
( xxni ) मुद्रण और लेखन सामग्री ,
( xxiv ) लोक स्वास्थ इजीनियरी ,
( av ) लोक निर्माण विभाग ,
( xxvi ) प्रचार और लोक संपर्क ,
( xvii ) जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रीकरण
( xxviii ) सहायता और पुनर्वास ,
( xxix ) रेशम उत्पादन
( xxx ) सातवीं अनुसूची की सूची की प्रविष्टि 7 और प्रविष्टि 52 के उपबों के अधीन रहते हुए , लघु , कुटीर और ग्रामीण उद्योग , ( xxxi ) समाज कल्याण ;( xxxii ) मृदा संरक्षण , ( xxxiii ) खेलकूद और युवा कल्याण , ( xxxiv ) साख्यिकी;( xxxv ) पर्यटन( xxxvi ) पर्यटन( xxxvi ) परिवहन ( सड़कें , पुल , फेरी और अन्य सचार साधन , जो सातों अनुसूची की सूची 1 में विनिर्दिष्ट नहीं हैं , नगरपालिका ट्राम , रज्जुमार्ग , अन्तरदेशीय जलमागों के सबंध में सातर्वी अनुसूची की सूची 1 और सूची 3 के उपबों के अधीन रहते हुए , अन्तरदेशीय जलमार्ग और उन पर यातायात , यंत्र नोदित यानों से भिन्न यान; ( xxxvii ) राज्य सरकार द्वार नियत्रित और वित्त पोषित जनजाति अनुसंधान सस्थान , ( xxxvili ) शहरी विकास - नगर और ग्रामीण योजना , ( xxxix ) सातवीं अनुसूची की सूची 1 की प्रविष्टि 50 के उपबों के अधीन रहते हुए बाट और माप , और ( xi ) मैदानी जनजातियों और पिछड़े वर्गों का कल्याण परन्तु ऐसी विधियों की कोई बात ( क ) इस अधिनियम के प्रारंभ की तारीख पर किसी नागरिक के उसकी भूमि के संबंध में विद्यमान अधिकारों और विशेषाधिकारों को समाप्त या उपातरित नहीं करेगी , और ( ख ) किसी नागरिक को विरासत , आबटन व्यवस्थापन के रूप में या अतरण की किसी अन्य रीति से भूमि अर्जित करने से अननुज्ञात करने से अनुज्ञात नहीं करेगी यदि ऐसा नागरिक बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र जिले के भीतर भूमि के ऐसे अर्जन के लिए अन्यथा पात्र है । ( 2 ) पैरा 3 के अधीन या इस पैरा के अधीन बनाई गई सभी विधिया , जहा तक उनका संबंध सातर्वी अनुसूची की सूची में विनिर्दिष्ट विषों से है , राज्यपाल के समक्ष तुरत प्रस्तुत की जाएगी जो उन्हें राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखेगा ।( 3 ) जब कोई विधि राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रख ली जाती है , तब राष्ट्रपति घोषित करेगा कि बह उक्त विधि पर अनुमति देता है या अनुमति रोक लेता है परन्तु राष्ट्रपति राज्यपाल को यह संदेश दे सकेगा कि वह विधि को , बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद् को ऐसे सदेश के साथ यह अनुरोध करते हुए लौटा दे कि उक्त परिषद् बिधि या उसके किन्हीं विनिर्दिष्ट उपबों पर पुनर्विचार करे और विशिष्टतया , किन्हीं ऐसे सशोधनों को पुर स्थापित करने की वाछनीयता पर विचार करे जिनकी उसने अपने सदेश में सिफारिश की है और जब विधि इस प्रकार लौटा दी जाती है तब उक्त परिषद् ऐसे संदेश की प्राप्ति की तारीख से छह मास की अवधि के भीतर ऐसी विधि पर तदनुसार विचार करेगी और यदि विधि उक्त परिषद द्वारा , संशोधन सहित या उसके बिना , फिर से पारित कर दी . जाती है तो उसे राष्ट्रपति के समक्ष उसके विचार के लिए फिर से प्रस्तुत किया जाएगा । के निवासियों के हितों की अभिवृद्धि संभाव्य है , आबंटन , अधिभोगया उपभोग अथवा अलग रखा जाना :परन्तु ऐसी विधियों की कोई बात , संबधित राज्य की सरकार को अनिवार्य अर्जन प्राधिकृत करने वाली तत्समय प्रवृत्त विधि के अनुसार किसी भूमि का , चाहे वह अधिभोग में हो या नहीं , लोक प्रयोजनों के लिए अनिवार्य अर्जन करने से निवारित नहीं करेगी ।

( ख ) किसी ऐसे वन का प्रबध जो आरक्षित वन नहीं है...

( ग ) कृषि के प्रयोजन के लिए किसी नहर या जल सरणी का उपयोग ;
( घ ) झूम की पद्धति का या परिवर्ती खेती की अन्य पद्धतियों का विनियमन
( ङ ) ग्राम या नगर समितियों या परिषर्दो की स्थापना और उनकी शक्तिया ;
( च ) ग्राम या नगर परिषद से सबंधित कोई अन्य विषय जिसके अंतर्गत ग्राम या नगर पुलिस और लोक स्वास्थ और स्वच्छता है ;
( छ ) प्रमुखों या मुखियों की नियुक्ति या उत्तराधिकार ;
( ज ) संपत्ति की विरासत ;
( झ ) विवाह और विवाह - विच्छेद ;
( ञ ) सामाजिक रूढ़िया ।
( 2 ) इस पैरा में , " आरक्षित वन " से ऐसा क्षेत्र अभिप्रेत है जो असम वन विनियम , 1891 के अधीन या प्रश्नगत क्षेत्र में तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन आरक्षित वन है ।
( 3 ) इस पैरा के अधीन बनाई गई सभी विधिया राज्यपाल के समक्ष तुरंत प्रस्तुत की जाएगी और जब तक वह उन पर अनुमति नहीं दे देता है तब तक प्रभावी नहीं होंगी ।
1 , स्वशासी जिलों और स्वशासी प्रदेशों में न्याय प्रशासन -
( 1 ) स्वशासी प्रदेश की प्रादेशिक परिषद् ऐसे प्रदेश के भीतर के क्षेत्रों के संबंध में और स्वशासी जिले की जिला परिषद् ऐसे क्षेत्रों से भिन्न जो उस जिले के भीतर की प्रादेशिक परिषदों के , यदि कोई हों , प्राधिकार के अधीन हैं , उस जिले के भीतर के अन्य क्षेत्रों के सबंध में , ऐसे वादों और मामलों के विचारण के लिए जो ऐसे पक्षकारों के बीच हैं जिनमें से सभी पक्षकार ऐसे क्षेत्रों के भीतर की अनुसूचित जनजातियों के हैं तथा जो उन वादों और मामलों से भिन्न हैं जिनको इस अनुसूची के पैरा 5 के उपपैरा ( 1 ) के उपबंध लागू
होते हैं , उस राज्य के किसी न्यायालय का अपवर्जन करके ग्राम परिषदों या न्यायालयों का गठन कर सकेगी और उपयुक्त व्यक्तियों को ऐसी ग्राम परिषर्दो के सदस्य या ऐसे न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर सकेगी और ऐसे अधिकारी भी नियुक्त कर सकेगी जो इस अनुसूची के पैरा 3 के अधीन बनाई गई विधियों के प्रशासन के लिए आवश्यक हों ।

इस सविधान में किसी बात के होते हुए भी , स्वशासी...

( 2 ) इस सविधान में किसी बात के होते हुए भी , स्वशासी प्रदेश की प्रादेशिक परिषद् या उस प्रादेशिक परिषद् द्वारा इस निमित्त गठित कोई न्यायालय या यदि किसी स्वशासी जिले के भीतर के किसी क्षेत्र के लिए कोई प्रादेशिक परिषद् नहीं है तो , ऐसे जिले की जिला परिषद् या उस जिला परिषद् द्वारा इस निमित्त गठित कोई न्यायालय ऐसे सभी वादों और मामलों के सबंध में जो , यथास्थिति , ऐसे प्रदेश या क्षेत्र के भीतर इस पैरा के उपपैरा ( 1 ) के

(1.सविधान छठी अनुसूची ( संशोधन ) अधिनियम...)

1सविधान छठी अनुसूची ( संशोधन ) अधिनियम , 2003 ( 2003 का 44 ) की धारा 2 ( प्रभावी 7.5.2003 से ) द्वारा पैरा 3 असम राज्य को लागू करने में निम्नलिखित रूप से संशोधित किया गया जिससे उपपैरा

इस अनुसूची के पैरा...

( 5 ) के पश्चात् निम्नलिखित अत स्थापित किया जा सके , अर्थात् -"( 6 ) इस पैरा की कोई बात , इस अनुसूची के पैरा 2 के उपपैरा ( 3 ) के परंतुक के अधीन गठित बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद् को लागू नहीं होगी । " अधीन गठित किसी ग्राम परिषद या न्यायालय द्वारा विचारणीय हैं तथा जो उन वादों और मामा से भिन्न हैं जिनको इस अनुसूची के पैरा 5 के उपपैरा ( 1 ) के उपबंध लागू होते हैं । अपील न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग करेगा तथा उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायलय से भिन्न किसी अन्य न्यायालय को ऐसे वार्दो या मामलों में अधिकारिता नहीं होगी ।( 3 ) उच्च न्यायालय को , उन वादों और मामलों में जिनको इस पैरा के उपपैरा ( 2 ) के उपबंध लागू होते हैं , ऐसी अधिकारिता होगी और वह उसका प्रयोग करेगा जो राज्यपाल समय - समय पर आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट करे ।( 4 ) यथास्थिति , प्रादेशिक परिषद् या जिला परिषद् राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन से निम्नलिखित के विनियमन के लिए नियम बना सकेगी , अर्थात् ( क ) ग्राम परिषदों और न्यायालयों का गठन और इस पैरा के अधीन उनके द्वारा प्रयोक्तव्य शक्तिया , ( ख ) इस पैरा के उपपैरा ( 1 ) के अधीन वादों और मामलों के विचारण में ग्राम परिषदों या न्यायालयों द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया:( ग ) इस पैरा के उपपैरा ( 2 ) के अधीन अपीलों और अन्य कार्यवाहियों में प्रादेशिक परिषद् या जिला परिषद् अथवा ऐसी परिषद् द्वारा गठित किसी न्यायालय द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया ( घ ) ऐसी परिषदों और न्यायालयों के विनिश्चयों और आदेशों का प्रवर्तन ; ( ङ ) इस पैरा के उपपैरा ( 1 ) और उपपैरा ( 2 ) के उपबों को कार्यान्वित करने के लिए अन्य सभी आनुषगिक विषय । ( 5 ) उस तारीख को और से जो राष्ट्रपति सबधित राज्य की सरकार से परामर्श करने के पश्चात अधिसूचना द्वारा , इस निमित्त नियत करें , यह पैरा ऐसे स्वशासी जिले या स्वशासी प्रदेश के सबध में , जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए , इस प्रकार प्रभावी होगा मानो ( i ) उपपैरा ( 1 ) में " जो ऐसे पक्षकारों के बीच है जिनमें से सभी पक्षकार ऐसे क्षेत्रों के भीतर की अनुसूचित जनजातियों के हैं तथा जो उन वादों और मामलों से भिन्न हैं जिनको इस अनुसूची के पैरा 5 के उपपैरा ( 1 ) के उपबंध लागू होते हैं , " शब्दों के स्थान पर “ जो इस अनुसूची के पैरा 5 के उपपैरा ( 1 ) में निर्दिष्ट प्रकृति के ऐसे वाद और मामले नहीं है जिन्हें राज्यपाल इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे , " शब्द रख दिए गए हों ;

( ii ) उपपैरा ( 2 ) और उपपैरा ( 3 ) का लोप कर दिया गया हो ;
( ii ) उपपैरा ( 4 ) में

6.यथास्थिति , प्रादेशिक परिषद् या जिला परिषद् राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन...

( क ) “ यथास्थिति , प्रादेशिक परिषद् या जिला परिषद् राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन से , निम्नलिखित के विनियमन के लिए नियम बना सकेगी , अर्थात्- " शब्दों के स्थान पर " राज्यपाल निम्नलिखित क विनियमन के लिए नियम बना सकेगा , अर्थात्- " शब्द रख दिए गए हों ; और ( ख ) खंड ( क ) के स्थान पर निम्नलिखित खड रख दिया गया हो , अर्थात्- ( क ) ग्राम परिषदों और न्यायालयों का गठन , इस पैरा के अधीन उनके द्वारा प्रयोक्तव्य शक्तिया और वे न्यायालय जिनको ग्राम परिषदों और न्यायालयों के विनिश्चियों से अपीलें हो सकेंगी ; " ;( ग ) खंड ( ग ) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रख दिया गया हो , अर्थात् “ ( ग ) प्रादेशिक परिषद् या जिला परिषद अथवा ऐसी परिषद द्वारा गठित किसी न्यायालय के समक्ष उपपैरा ( 5 ) के अधीन राष्ट्रपति द्वारा नियत तारीख से ठीक पहले लबित अपीलों और अन्य कार्यवाहियों का अतरण , " ; और( घ ) खंड ( ङ ) में " उपपैरा ( 1 ) और उपपैरा ( 2 ) " शब्दों , कोष्ठको और अकों के स्थान पर “ उपपैरा ( 1 ) " शब्द , कोष्ठक और अक रख दिए गए हों । 5. कुछ वादों , मामलों और अपराधों के विचारण के लिए प्रादेशिक परिषदों और जिला परिषदों को तथा किन्हीं न्यायालयों और अधिकारियों को सिविल प्रक्रिया सहिता , 1908 और दंड प्रक्रिया संहिता , 18981 के अधीन शक्तियों का प्रदान किया जाना

राज्यपाल , किसी स्वशासी जिले या स्वशासी प्रदेश...

( 1 ) राज्यपाल , किसी स्वशासी जिले या स्वशासी प्रदेश में किसी ऐसे प्रवृत्त विधि से , जो ऐसी विधि है जिसे राज्यपाल इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे , उद्भूत वादों या मामलों के विचारण के लिए अथवा भारतीय दंड सहिता के अधीन या ऐसे जिले या प्रदेश में तत्समय लागू किसी अन्य विधि के अधीन मृत्यु से , आजीवन निर्वासन से या पाच वर्ष से अन्यून अवधि के लिए कारावास से दडनीय अपराधों के विचारण के लिए ऐसे जिले या प्रदेश पर प्राधिकार रखने वाली जिला परिषद् या प्रादेशिक परिषद् को अथवा ऐसी जिला परिषद् द्वारा गठित न्यायालयों को अथवा राज्यपाल द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी अधिकारी को , यथास्थिति , सिविल प्रक्रिया सहिता , 1908 या दंड प्रक्रिया संहिता , 1898 के अधीन ऐसी शक्तिया प्रदान कर सकेगा जो वह समुचित समझे और तब उक्त परिषद , न्यायालय या अधिकारी इस प्रकार प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए वादों , मामलों या अपराधों का विचारण करेगा । ( 2 ) राज्यपाल , इस पैरा के उपपैरा ( 1 ) के अधीन किसी जिला परिषद , प्रादेशिक परिषद , न्यायालय या अधिकारी को प्रदत्त शक्तियों में किसी शक्ति को वापस ले सकेगा या उपांतरित कर सकेगा ।( 3 ) इस पेरा में अभिव्यक्त रूप से यथा उपबंधित के सिवाय , सिविल प्रक्रिया संहिता , 1908 और दंड प्रक्रिया संहिता , 18983 ' किसी स्वशासी जिले में या किसी स्वशासी प्रदेश में , जिसको इस पैरा के उपबंध लागू होते हैं , किन्हीं वार्दो , मामलों या अपराधों के विचरण को लागू नहीं होगी ( 4 ) राष्ट्रपति द्वारा किसी स्वशासी जिले या स्वशासी प्रदेश के संबंध में पैरा 4 के उपपैरा ( 5 ) के अधीन नियत तारीख को और से , उस जिले या प्रदेश को लागू होने में इस पैरा की किसी बात के बारे में यह नहीं समझा जाएगा कि वह किसी जिला परिषद या प्रादेशिक परिषद को या जिला परिषद द्वारा गठित न्यायालयों को इस पैरा के उपपैरा ( 1 ) में निर्दिष्ट शक्तियों में से कोई शक्ति प्रदान करने के लिए राज्यपाल को प्राधिकृत करती है ।

(6. प्राथमिक विद्यालय आदि स्थापित करने की जिला परिषद् की शक्ति...)

( 1 ) स्वशासी जिले की जिला परिषद् , जिले में प्राथमिक विद्यालयों , औषधालयों , बाजारों , काजी हाउसों , फेरी , मीन क्षेत्रों , सड़कों , सड़क परिवहन और जल मार्गों की स्थापना , निर्माण और प्रबंध कर सकेंगी तथा राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन से , उनके विनियमन और नियंत्रण के लिए विनिग्रम बना सकेगी और , विशिष्टतया , वह भाषा और वह रीति विहित कर सकेगी , जिससे जिले के प्राथमिक विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी।
1.अब दण्ड प्रक्रिया संहिता , 1973 ( अधि . 1974 का 2 ) देखें ।
2. अब दण्ड प्रक्रिया संहिता , 1973 ( अधि 1974 का 2 ) देखें ।
3. अब दण्ड प्रक्रिया सहिता , 1973 ( अधि . 1974 का 2 ) देखें ।
( 2 ) राज्यपाल , जिला परिषद् की सहमति से , उस परिषद् को या उसके अधिकारियों को कृषि , पशुपालन , सामुदायिक परियोजनाओं , सहकारी सोसाइटियों , समाज कल्याण , ग्राम योजना या किसी अन्य ऐसे विषय के संबंध में , जिस पर राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है , कृत्य सशर्त या बिना शर्त सौंप सकेगा । 

(7.जिला और प्रादेशिक निधिया...

( 1 ) प्रत्येक स्वशासी जिले के लिए एक जिला निधि और प्रत्येक स्वशासी प्रदेश के लिए एक प्रादेशिक निधि गठित की जाएगी जिसमें क्रमश उस जिले के जिला परिषद् द्वारा और उस प्रदेश की प्रादेशिक परिषद् द्वारा इस संविधान के उपबंधों के अनुसार , यथास्थिति , उस जिले या प्रदेश के प्रशासन के अनुक्रम में प्राप्त सभी धनराशिया जमा की जाएगी ।

( 2 ) राज्यपाल , यथास्थिति , जिला निधि या प्रादेशिक निधि के प्रबंध..

( 1 ) पैरा 3 के उपबों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना , बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद् को , अपने क्षेत्रों के भीतर , निम्नलिखित के सबंध में विधिया बनाने की शक्ति होगी ,

( i ) कृषि , जिसके अंतर्गत कृषि शिक्षा और अनुसंधान , नाशक जीवों से संरक्षण और पादप रोगों का निवारण है ;

( ii ) पशुपालन और पशु चिकित्सा अर्थात् पशुधन का परिरक्षण , संरक्षण और सुधान तथा जीव जंतुओं के रोगों का निवारण , पशु चिकित्सा प्रशिक्षण और ज्यवसाय , कांजी हाऊस

( iii ) सहकारिता ;

( iv ) सांस्कृतिक कार्य ,

( v ) शिक्षा अर्थात् प्राइमरी शिक्षा , उच्चतर माध्यमिक शिक्षा जिसमें वृत्तिक प्रशिक्षण , प्रौढ़ शिक्षा , महाविद्यालय शिक्षा ( साधारण ) भी है ,

( vi ) मत्स्य उद्योग,

( vii ) ग्राम , धान के खेतों , बाजारों और शहरी के संरक्षण के लिए बाढ़ नियंत्रण ( जो तकनीकी प्रकृति का न हो ) ;

( viii ) खाद्य और सिविल आपूर्ति ,

( ix ) वन ( आरक्षित वनों को छोड़कर ) ;

( x ) हथकरघा और वस्त्र ,

( xi ) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ;

( xii ) सातवीं अनुसूची की सूची की प्रविष्टि के उपबंधों के अधीन रहते हुए मादक लिकर , अफीम और व्युत्पन्न;

( xiii ) सिंचाई


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कोया पूनेम


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