Pahandi pari kupar lingo and Raytal jango information in hindi
Pahandi pari kupar lingo
जंगो लिंगो लाटी पूजा कैसे किया जाता है।
गोंडी पुनेम मुठवा पहादी पारी कुपार लिगो और गोंडी पुनेम दाई रायतार जंगो की उपासना गोंड समुदाय के गण्डजीव सगा सावरी पेड़ के नीचे उनके प्रतिकों की स्थापना कर करते हैं।
जंगो के नाम से जो ढाल
यह पूजा अश्विन दशमि के दिन की जाती है । लिंगो के प्रतिक के रूप में टोप्पार या कोप्पार ढाल बनाया जाता है । जंगो के नाम से जो ढाल तैयार किया जाता है उसे गोंगो लाटी कहा जाता है। जंगो लिंगो के ढालों को प्रतिस्थापना सगा सावरी ( सेमर ) पेड़ के नीचे की जाती है।
उसके लिये अपने घर के आंगण में सावरी पेड़ लगाया जाता है । क्योंकि जंगो लिंगो ने मिलकर कोया वंशीय गण्ड जीवों को उसी पेड़ के नीचे सगा सामुदायिक शाखाओं में सरचित किया था । उसके नीचे ही गोंडी पुनेम दर्शन का पाठ लिंगो ने अपने शिष्यों को पढ़ाया था ।
जंगो और लिंगो के लाटियों की सवारी ( पोहा ) एक गाव से दूसरे गाव ले जाया जाता है तथा हर घर में लेजाकर उनका दर्शन कराया जाता है । उसी तरह जहां जहां मंढई भरते हैं वहा जंगो लिंगो के लाटियों को लेजाकर उनकी पूजा की जाती है । यह क्रम एक माह तक चलते रहता है ।
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