(1)नार पूजा याने गांव की पूजा gondi village worship
नार पूजा याने गांव की पूजा । गांव की सीमा के भीतर जो देवी देवता बसे होते हैं उन सभी की पूजा ग्राम भुमका के हस्ते कराई जाती है । इस अवसर पर ग्राम भुमका अपने मंत्र से गांव को बांध देता है , जिससे गांव के भीतर बिमारियों का प्रवेश नहीं होता ऐसी उनकी मान्यता है । इस अवसर पर सभी देवताओं को बली चढ़ाई जाती है ।worship of the village.
- 750आकडा 33कोट देव (penk)विस्तृत वर्णन
- गोंडवाना संस्कृती मध्ये सोळा ढेंमसा आठरा वाजा कोण कोणते आहेत
- पोरा बड़गा त्योहार पुरी जाणकारी
- गोंड समुदाय के रिस्ते नाते
- गोंडी(कोया) पूनेम दर्शन - पारी कुपार लिंगो
(2)कली कंकाली पूजा
कली कंकाली पूजा कली कंकाली दाई की पूजा पौष माह की अमावश को की जाती है । यह कोया वंशीय गोंड समुदाय के सगा देवों की दाई है । उसकी पूजा आदि शक्ति दाई के रूप में की जाती है , जिसे कलिया कुवारी दाई या वेनदाई भी कहा जाता है । पूजा के लिये सुबह घट की स्थापना की जाती है । सभी लोग उसकी दिन भर सेवा करते हैं । यह पूजा विशेष रूप से गोटूल , मोरूंग , गीतीहोरा तथा धुमकुरिया में की जाती है ।गांव की पूजा
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box.