माड़ आम्मास यह वर्ष का अंतिम दिन
माड़ आम्मास यह वर्ष का अंतिम दिन के अवसर पर मनाया जाने वाला त्योहार है । गोंडी भाषा में माड़ अम्मास याने समाप्ति का अमावश ऐसा अर्थ होता है । यह त्यों हार फागुन माह की अमावश के दिन मनाया जाता है । माड़ अम्मास के दिन शाम को पंच पक्वानों का भोजन बनाया जाता है तथा इष्ट देवी देवताओं की पूजा की जाती है कि आनेवाला नया वर्ष सभी को लाभकारी हो ।
आणेवाले नये वर्ष की शुभ कामना जय सेवा
गांव के सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर चावल के अक्षितों का एक दूसरे को टीका लगाकर आनेवाले नये साल की शुभ कामना जय सेवा कहकर प्रदान करते हैं । इस तरह बीते दिनों के सुख दु:खों को भुलाकर आनेवाले नये वर्ष का स्वागत हर्षोल्हास के साथ करते है ।
दूसरे दिन जब नया साल का नया दिन आरंभ होता है।
दूसरे दिन जब नया साल का नया दिन आरभ होता है उसे माड़ अम्मास पाड़ेवा कहते हैं । उस दिन सभी खेतीहर किसान भाई अपने खेत में भूमि पूजा करते हैं । उस पूजा को गोंडी भाषा में तोड़ी पुजा मिट्टी पूजा कहा जाता है । अपने अपने बैलों को सजाकर वे खेत में ले जाते हैं तथा नया साल का नया फसल निकालने के लिये हवा , पानी , माटी , धूप आदि प्रकृति के शक्तियों की सेवा निरतर प्राप्त होती रहे , इसलिये उन सभी की पूजा करते हैं । इस पर्व पर कुछ लोग बकरे का बली भी चढ़ाते हैं । ऐसा इस त्योहार का महत्त्व है ।
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